Sunday, December 2, 2007

आजा नच ले में माधुरी के जलवों पर बहन जी की लगाम


इस शुक्रवार को सिल्वर स्क्रीन पर माधुरी दीक्षित की आजा नचले का पदार्पण हुआ। पांच साल बाद हुई माधुरी यह वापसी जितनी धमाकेदार होनी चाहिए थी, उतनी धमाकेदार साबित नहीं हो पा रही थी। शुक्रवार शान्ति के साथ बीता तय होने लगा कि माधुरी की वापसी मजेदार नहीं की शाम करीब आठ -साढ़े आठ बजे न्यूज चैनलों का स्क्रॉल बार दनदनाने लगा। ब्रेकिंग न्यूज मायावती ने लगाया आजा नच ले पर बैन, आजा नच ले यूपी में बैन। बस फिल्म को जैसे जीवनदान मिल गया हो। पूरी रात सारे न्यूज चैनलों पर आजा नचले के बैकग्राउण्ड में एंकर फिल्म और माधुरी के बारे में बताते रहे। जब मामला जातिवाद की राजनीति से जुड़ जाए तो उसे तूल पकड़ते कितनी देर लगती है, देखते ही देखते और भी कुछ राज्यों के बैन लगाने की खबर प्रसारित होने लगी। वाह रे राजनीति। ओमकारा जैसी गालियों से भरी फिल्म पूरे हिन्दुस्तान में पूरे शान से चली। और भी पता नहीं कितनी फिल्मों में जाने कितने डॉयलाग्स के मन चाहे मतलब निकाले जा सकते थे, लेकिन बहन जी को इसी फिल्म के एक गीत के बोल अखरने थे औऱ तुरन्त दान महादान की तर्ज पर सीधे बैन का फरमान जारी कर दिया। हो सकता है अगली बार से निर्माता उत्तर प्रदेश में फिल्म दिखाने से पहले बहनजी को स्पेशल स्क्रीनिंग की परम्परा शुरु कर दें। सेंसर बोर्ड को जिस पर आपत्ति नहीं हो उसे बहनजी बैन कर सकती हैं, और बहनजी की देखा देखी और राज्य भी। समांतर सेंसर बोर्ड की नई परम्परा शुरु हो सकती है। बढ़िया है फिल्म पर कई कैचिंया चलेंगी तो फिल्म औऱ मजबूत ही होगी। बहरहाल विवाद सुलझ गया है, फिल्म निर्माता ने माफी मांग ली है औऱ माधुरी का जलवा फिर से यूपी के सिनेमाघरों में दिख रहा है। एक डुबती फिल्म को बहनजी ने बचा लिया। पर इससे फिल्म निर्माताओं को बहुत कुछ समझ आ गया होगा।

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