Tuesday, March 24, 2015

बोल की लब आज़ाद हैं तेरे

आज़ादी क्या होती है? सही मायने में अभिव्यक्ति की आज़ादी ही सच्ची आज़ादी होती है। यानी जो सोचते हैं कि सही है उसे सही कह सकने का और जो आपकी नजर में गलत है उसे गलत कह पाने का अधिकार ही अभिव्यक्ति की आजादी है। सोश्यल मीडिया आम आदमी के लिए बदलते दौर में स्वयं की अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम बन कर उभरा है। यहां लोग खुल कर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं, ऐसे में आज सुप्रीम कोर्ट का आई टी एक्ट की धारा 66ए को हटाने का आदेश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की न केवल रक्षा करता है बल्कि इसे मजबूत भी करता है।  जाहिर है  यह स्वतंत्रता कर्तव्य की मांग करेगी और अभिव्यक्ति को स्वविवेक से जिम्मेदार होना होगा।