बरसों बीते कुछ लिखे हुए.....
hअन ये कुछ दिन बरस से ही लगे हैं.
अब सोचते हैं की कुछ लिखा जाए ॥
पर सवाल है की क्या लिखा जाए...
मित्र कहते हैं बहुत सरे मुद्दे हैं,,,
लोकसभा मैं नोटों की बरसात से लेकर डील के डील डोल तक।
सेना से लेकर ऐना तक।
माल्लिका से लेकर करीना ke अक्षय से लेकर दस के दम वाले सलमान तक , सचिन से लेकर धोनी तक और इन सब का बाप मुद्दा है मंहगाईजितना मर्जी आए उतना लिखो हर कोई कलम रगड़ रहा है आप भी रगदो पर हम हैं की चाह कर भी कुछ रगड़ नही पा रहे है,,, एक अजगाह पढ़ाआख़िर इस दर्द की दावा क्या है हमारा जवाब था,,,,
हर सड़क पर हर गली में हर नगर हर गाँव में,
हाथ लहराते हुए हर लाश चलानी चाहिए।
बस भाई हम तो बहुत मेहनत के बाद दुष्यंत जी की इन पंक्तियों को एक बार फ़िर रगड़ सके है, आप कुछ रगड सके तो रगड़ दे, ....
ये पोस्ट भी आज एक मित्र के आग्रह पर,,,