Thursday, October 11, 2007

एंग्रीयंगमैन और हिन्दुस्तानी दादा जी, अमिताभ बच्चन



पिछले दिनों एक ब्लॉग का चक्कर लगाते समय अमिताभ बच्चन और दिलीप कुमार में से महान कौन,इस बहस पर दिलचस्प तर्क वितर्क पढ़े। बहस का नतीजा क्या निकला ये तो पता नहीं, पर मुझे इस बहस को पढ़ते समय भी और आज अमिताभ के जन्म दिन पर मीडिया में चल रही खबरें देखते समय याद आता है सालों पहले, ये मानिए,87 की बात होगी, लगभग हर शख्स की हेयर स्टाइल एक सी होती थी। बीच की मांग,जिससे दोनों तरफ के बाल सिर पर छज्जा सा बनाते थे और लम्बी कलम जो कानों की नोक तक आती थी। मैं उस समय प्राइमरी स्कूल में पढ़ता था। राजस्थान के चित्तोड़गढ़ जिले के एक अन्दरूनी गांव ( वैसे लोग उसे कस्बा कहते थे) राशमी में उस समय मां की पोस्टिंग थी। पहाड़ी की तलहटी के नीचे बसा गांव सामान्य गांव सा ही था, जगह जगह बड़ पीपल के पेड़ थे। टेकरी पर माताजी का मंदिर था। एक तालाब था जो सूखा होने के चलते क्रिकेट खेलने के काम आता था। सबसे नजदीकी थिएटर कपासन में हुआ करता था। यह सारा परिचय इसलिए की आप गांव की स्थिति का भली भांति अंदाजा लगा सकें। तब मेरा एक दोस्त होता था किशऩ। उसकी हेयरस्टाइल से लगाकर सीनीयर स्कूल के गणित के मास्टर जी सभी की हेयरस्टाइल एक सी, अमिताभ शैली। तबके बाद सालों साल जितने भी लोग मिले उनमें अधिकांश को उसी शैली के बालों में देखा।
समय गुजर गया है, गंगा में बहुत पानी बह गया है। अब जरा अपने आस पास बुजुर्गों के चेहरों पर नजर दौड़ाइये। कल तक मूंछ को खिजाब से काला करते और गाल सफाचट रखते लोग अब फ्रेंट कट रख रहे हैं। वो भी बिना खिजाब के। वाकई यह होता है अमिताभ का अमिताभ होना जो सालों से हिंदुस्तानियों के प्रजेंटेशन का तरीका बाना हुआ है .एंग्रीयंगमैन से एक आम हिन्दुस्तानी घर के दादाजी की छवि तक का यह सफर बेमिसाल है। अमिताभजी के जन्मदिन पर उन्हें बधाई।
- अभिषेक

3 comments:

Udan Tashtari said...

अमिताभ जी को जन्म दिन की बधाई एवं शुभकामनायें.

sandeeppurohit said...

aap kis amitabh ki baat kar rahe hai jo angery young man ke roop me aam bhartiye ke dil me jaghe bana gaya ya hajmola, tel, kapde bachnewale ki. nisandhe bhararat ke sabse bade salesman hai. per aane wali generation janjeer ke amitabh ko shayad yaad nahi akh payegi.

aab unhe film karte waqt purane amitabh or uski classics ko yaad rakhana chaiye. dilip kumar ke saath aise samasya nahi hai. amitabh ke liye sabse badi chounati yehi hai ki veh purane amitabh ko bhi zinda rakhe. hum tou yehi dua karte hai hazaro saal jiye aur logo ka khoob manoranjan kare.

Ashish Maharishi said...

sahi kaha...apne