आज फिर चचा हंगामी लाल का फोन आ गया। इसी के साथ चचा ने हमारे सामने एक खुलासा भी किया कि अब चचा गाहे बगाहे फोन करते रहेंगे और हम उनके फोन से बिल्कुल भी नहीं चौंके। हमने जब चचा से इस मेहरबानी का कारण जानना चाहा तो उनका कहना था , देखो भतीजे अब तुम इतनी दूर हो रोज रोज तो आया नहीं जा सकता और रोज कुछ न कुछ ऐसा होता रहेगा कि हमें तुमसे बतियाए बिना चैन नहीं पड़ेगा, सो तुम तैयार रहना अपन फोन पर ही गपशप लगा लेंगे। ठीक है चचा पर आज क्या मुद्दा है। चचा कहने लगे बड़ा जोरदार मुद्दा है, एक बात बताओ तुम चाय नाश्ता करते हो,,
हां,
कितने रुपए खर्च कर देते हो,
अरे वो चार रुपए की पेशल ( चाय वाला छोटू ऐसे ही बोलता है) कट और एक समोसा पांच रुपए का कुल नौ रुपए होते हैं, अपने तो...
तो तुम से तो कहीं अच्छे अपने राजस्थान पुलिस के सिपाही हैं जो ढाईलाख का चायनाश्ता करते हैं।
ढाई लाख का,,चचा ऐसा ढाई लाख में क्या खाते होंगे,, फाइव स्टार में जहां थरूर और कृष्णा रहते थे वहां भी चाय का प्याला ढाई सौ में तो मिल ही जाता हो,,,(पढ़ने वाले लोग यदि इसमें संशोधन चाहें तो आमंत्रित है) और बादाम का हलुआ भी साथ में खाओ तो कुल मिला कर खर्चा सात- आठ सौ हजार रुपए से ज्यादा नहीं हो सकता,, नहीं चचा आपकी बात हजम नहीं हुई, ।
अरे बावले ये चाय नाश्ता तो संज्ञा है,, टर्म है,, नाम है,, काम तो कुछ और ही है, सवाल तो यह है कि ये चाय नाश्ते की जो रेट है एक सिपाही की है,, जरा सोच इससे ऊपर एएसआई, एसआई, सीआई, सीओ, डिप्टी, एएसपी, एसपी, आईजी, एडीजी और डीजी फिर सेक्रेट्री,, ,, रेट बढ़ते बढ़ते कहां तक पहुंचेगी,।,
चचा ये तो वाकई सोचने वाली बात है, शिष्टाचार की कीमत भी बढ़ गई, मुझे अभी कुछ दिन पहले एक पुलिस अधिकारी एक थानेदार के महज दस हजार की रकम लेने के लिए एसीबी के जाल फंसने की घटना का जिक्र करते हुए कह रहा था, सारा स्टेटस गिरा दिया, ,, , फंसना ही था तो कम से कम एक बिन्दी तो और लगवाता तब तो कुछ समझ भी आता,। पर चचा ये सिपाही ने कुछ ज्यादा ही नहीं ले लिया,
अरे भतीजे मुझे भी ऐसा लगा था, सो मैंने एक दूसरे सिपाही को टटोला की यार तुम्हारे बिरादरी भाई ने ज्यादा चाय नाश्ता ले लिया,, इतना तो नहीं लेना चाहिए था, आखिर लेने का भी कोई कायदा होना चाहिए,,, उसका जवाब था,, हंगामीलाल जी सारा कायदा पुलिस वालों के लिए ही है, मंहगाई देखी इस स्पीड से रॉकेट उड़ाया होता तो चांद से आगे पहुंच जाता...। छठा वेतनमान लगने बाद वैसे भी ग्रेड रिवाइज हो गए हैं तो चाय नाश्ता के रेट भी रिवाइज होने ही थे। अब आप क्या जानो कैसे काम चलता है,, ससुरी चीनी 39 रुपए किलो गई है, दाल, चावल ,, आलू, मुर्गी, मच्छी सब महंगे हो गए हैं, वो एक पत्रिका में खबर छपी थी जिसकी हर महीने की पचास हजार आमदनी है वो भी महंगाई में कटौती कर रहा है, और आप को हमारी रेट्स ही ज्यादा लग रही हैं। खैर आप चिन्ता मत करना कभी आपका मामला फंसे तो बताना स्पेशल स्टाफ डिस्काउण्ट दिलवा देंगे। तो भतीजे मैंने तो तुम्हें सिर्फ इसलिए फोन किया था कि कभी कोई बात तो बता देना उसके डिस्काउण्ट को भी चैक कर लेंगे,, कुछ फायदा हो तो क्या बुराई है।
उनकी बात सुन कर मैंने ,,, जी चचा,, कह कर फोन रखना ही उचित समझा।
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दुर्गा पूजा एवं दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं।
( Treasurer-S. T. )
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