Friday, February 5, 2010

जय युवराज,,

आज चचा हंगामी लाल बहुत जोर से चिल्ला रहे थे,,, मिल गया ,, मिल गया,, मिल गया,,
चाचा को यूं बेसाख्ता चिल्लाते देख हमसे रहा नहीं गया,,,,,,, अरे चचा क्या मिल गया,,, भतीजे हमें देश का सही वारिस मिल गया,,, क्यों चचा क्या बात हो गई,,, अरे देखते नहीं ,, देखते नहीं अपने युवराज ने क्या कमाल कर दिया,,मुम्बई में,, दिखा दिया की देश एक है,,,, सारे ठेकेदारों को समझा दिया,,, सबको संदेसा दे दिया ,,, कि देश एक है और अब यह सब नहीं चलेगा,,,, मुम्बई में घूम लिए,, लोकल में घूम लिए,,, इसे कहते हैं युवराज,,, कहो क्या कहते हो,,,

2 comments:

निर्मला कपिला said...

हा हा हा कहना क्या है चचा क तज़ुर्बा कुछ तो होगा? शुभकामनायें

काशीराम चौधरी said...

sir itni achchhi shuruat thi, par apne 4 line me samapt kar di.