Thursday, January 10, 2008

सड़क सुरक्षा सप्ताह में घर से बाहर निकलने के टिप्स


इन दिनों यातायात पुलिस सड़क सुरक्षा सप्ताह मना रही है। जैसा की पुलिस वालों की खासियत होती है कि या तो वे दोस्त होते हैं या फिर.... आप समझ लें। सड़कों की सुरक्षा के इस अभियान के दौरान हर वाहन चालक उनके लिए दोस्त की श्रेणी में तो कतई नहीं आता। सवाल सड़क की सुरक्षा का होता है इसलिए सड़क पर चलने वाला हर शख्स उनका दुश्मन नम्बर वन होता है। ऐसे में वे चाहे जिसे पकड़कर दुश्नमन करार दे सकते हैं, यदि आप ऐसी किसी दुश्मनी से बचना चाहते हैं तो पेश हैं कुछ सुझाव जिन पर अमल कर आप सकुशल बिना चालान घर वापसी कर सकते हैं। - घर से निकलते समय अपने वाहन को हर ओर से चैक करें। सारे नम्बर दुरुस्त हैं या नहीं यह जरुर देखे। उनका आकार प्रकार नियमों के अनुसार है या नहीं, भले ही आपके सामने वाले शर्मा जी जो ट्रैफिक पुलिस में हवलदार हैं, की मोटरसाइकिल के नम्बर अगड़म बगड़म शैली में हों, आप अपनी चिन्ता किजिएगा,क्योंकि भाई सवाल सड़क की सुरक्शा का है।- अपने वाहन की लाइट जला कर देख लें, रोशनी पूरी है या नहीं, भले ही आप शाम चार बजे ही घर लौट आते हों, पर अभी इसका जलना जरूरी है। सप्ताह खत्म होने के बाद आपकी लाइट भले ही खराब हो जाए कोई फर्क नहीं पड़ेगा पर अभी तो सप्ताह चल रहा है....।- वाहन के सारे कागज ठीक प्रकार से ढूंढ कर निकाल लें और सम्भालकर साथ में रख लीजिएगा। फोटोप्रति के साथ ही मूल प्रति भी। कुछ ट्रैफिक वाले भाई फोटो प्रति को मूल प्रति का सा सम्मान नहीं देते। सप्ताह खत्म होने के बाद आपसे कोई कागजात के बारे में नहीं पूछेगा इसलिए उन्हें अगले साल तक आप कहीं भी भूल सकते हैं, पर अभी हर्गिज नहीं भूलें। - फिर बारी आती है प्रदूषण की। आपकी गाड़ी चाहे धुंआ देती हो या नहीं, आपके वाहन पर स्टीकर होना चाहिए औऱ पर्स में पॉल्यूशन अण्डर कंट्रोल का प्रमाणपत्र। सप्ताह के दौरान यह बहुत जरूरी है।- हेलमेट की सेहत पर जरा गौर फरमा लीजिएगा।- हां, ड्राइविंग लाइसेंस भी जरूरी है। यूं तो हमारी सड़कों पर हजारों लोग बिना लाइसेंस के वाहन चला रहे हैं पर यदि आपके पास लाइसेंस नहीं है तो आप इन सात दिन तक पिछली सीट पर ही बैठें।यानी अब आप पूरी तैयारी के साथ सड़क सुरक्षा सप्ताह में काम पर जाने के लिए तैयार हैं। पर सड़क पर भी ध्यान रखें यदि आपको किसी सफेद जिप्सी के पास दस पन्द्रह दुपहिया वाहन खड़े नजर आएं तो समझ लीजिए की वे सभी सड़क सुरक्षा का पाठ पढ़ रहे होंगे। न वहां कोई उन्हें नही बताता कि क्या सही है, क्या गलत बस बीच सड़क पर रोका जाता है, और दनादन सवालों की झड़ी लगा दी जाती है। कागज हैं? लाइसेंस है? पॉल्यूशन है? इतनी तेज क्यों चला रहे हो? अन्तिम सवाल सबसे अन्त में आता है और ब्रह्मास्त्र होता है। सारे सवालों का जवाब होता पर इसका जवाब नहीं होता है। इंटरसेप्टर हैं, पर वो इंटरसेप्टर ही आपको यकीन दिला देते हैं कि आप कहीं न कहीं तो गलत ही थे। बस आपका चालान हो गया औऱ आपने सीख ली सड़क सुरक्षा। तो एक बात याद रखिए कि आप चाहे साल भर ट्रैफिक नियमों का पालन करते हों या नहीं पर इस समय जबकि सड़क सुरक्षा सप्ताह चल रहा है आपको पुलिस नामक ,प्राणी, हां शायद प्राणी, को देखते ही उनका पालन शुरु कर देना चाहिए। पर फिर भी आप तय मानिए की आप सही ट्रैफिक नियमों का पालन करना जरूर सीखेंगे और इसका एक ही तरीका है, चालान। तो घर से निकल रहे हैं बस एक ही टिप है चालान के लिए तैयार रहें। या सात दिन के लिए गाड़ी घर रख दें औऱ बस में जीवन असुरक्शा सप्ताह के लिए निकल पड़िए।

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