Tuesday, November 2, 2010

आग और एसीबी

जब एक मंत्री के निर्देशित काम ही नहीं हो रहे हों तो उस विभाग के काम काज से आम आदमी को क्या उम्मीद करनी चाहिए। राजस्थान के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के अनुसार प्रदेश की राजधानी जयपुर के विकास के लिए बना जयपुर विकास प्राधिकरण उनके लिखे पत्रों का ही जवाब नहीं देता। अब इसे क्या कहा जाए जेडीए अधिकारियों की ढिठता या फिर उनकी नकेल कसने में अधिकारियों की ढिलाई। पता नहीं लेकिन यदि वास्तव में ऐसा है तो यह चिंताजनक है, कि कोई विभाग अपने ही मंत्री के पत्रों का जवाब नहीं दे रहा हो, उस मंत्री को खुलेआम कहना पड़ रहा हो कि वे अपने कर्मचारियों अधिकारियों की शिकायत एसीबी में भेज देंगे। इससे तो लगता है कि विभागीय जांच, कार्रवाई के तंत्र को लकवा मार गया है। कुछ तो बात है वरना बिना आग के धुंआ नहीं उठता। अब राख के ढेर में लोग जुटे हैं उस चिंगारी की तलाश में जिसने यह आग लगाई।

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