Wednesday, February 25, 2009

सवाल एक लाख का, जवाब अगली पोस्ट में

आज तो गजब हो गया। चाचा हंगामी लाल सुबह सबेरे ही आ धमके। मैंने उन्हें देखा तो समझा शायद अखबार लेने आए होंगे सो मैंने सारे अखबार उनकी तरफ सरका दिए पर ये क्या उन्होंने अखबारों की तरफ हाथ भी नहीं बढ़ाया। और बोले भइया वो जरा रिमोट देना। मैंने कहा क्यों क्या हो गया ? तो कहने लगे भाई बड़े गजब के आदमी हो, क्या इतना भी नहीं जानते की आज हमारी जय हो होने वाली है। मैंने कहा चचा आपको कैसे पता कि हमारी ही जय हो होगी। शर्तिया हमारी ही जय हो होगी। देख लेना । मैने कहा अच्छा तुम्हें क्या ऑस्कर वालों का फोन आया है जो इतने कॉन्फिडेन्स से कह रहे हो। ऑस्कर वालों का तो नहीं लेकिन यहां के मल्टीप्लेक्स और टीवी चैनल वालों का फोन जरूर आया था। कह रहे थे कि हॉलीवुड के फिल्म प्रोड्युसरों की नजर यहां के मल्टीप्लेक्स पर और टीवी स्क्रीन पर है। उन्हें भरोसा है कि उनकी फिल्मों को यहां देखने वाले मिल जाएंगे। यहां के लोग वहां की फिल्म नहीं देखेंगे तो यहां के विषय औऱ हालात को घोट घाट कर कुछ बनाएंगे जो कमाल कर जाएगा। मैंने कहा चचा फिर भी इतना कॉन्फीडेंस क्यों। तो कहने लगे कल रात स्टीवन स्पीलबर्ग सपने में आए रहे । कहने लगे चाचा मंदी की मार बहुत पड़ रही है। क्या करें कैसे उभरे। फिल्म तो बना देते हैं पर कारोबार नहीं हो रहा। कुछ उपाय बताओ, तो हम कहे देखो इसका बहुत आसान सा रामबाण नुस्खा है, तुम विदेशी सौदागरों को तो पहले से ही पता भी है कि संसार में कुछ कमाने के लिए कुछ बेचना है तो हिन्दुस्तान में बेचो। जम के कमाई होगी। वहां सब केवल खरीदने वाले ही मिलते हैं। अभी कुछ साल पहले तुम लोग ऐसा ही एक चमत्कार कर भी चुके हो। लाइन से सुन्दरियों की लाइन लगा दी थी। नतीजा तुम्हारे ही सामने है वहां का कॉस्मेटिक बजार भारत के भरोसे कुलांचे भरने लगा था। अब फिर से यही चमत्कार दोहराओ। उनकी समझ बात आ गई होगी तो अभी कुछ ही देर में जय हो का नारा बुलन्द हो ही जाएगा। चचा की बात कुछ मेरी भी समझ में आने लगी थी। पांच सात फिल्मों को सही रेस्पोन्स मिल गया तो समझो उनकी लॉटरी लग गई। टीवी पर चलीं तो विज्ञापन का बजट मिल जाएगा। चलो कुछ भी हमारी तो जय हो ही जाएगी। हम यही सोचे बैठे चाय के घूंट लगा रहे थे की चचा हंगामी लाल ने सवाल उछाल दिया, बच्चू तुम्हारे लिए सीधे ही लाख रुपए का सवाल है- जरा जवाब देना

भारत यदि हॉलीवुड का बाजार बन गया तो क्या होगा

  1. बॉलीवुड के फिल्मकार मौलिक हो जाएंगे, क्योंकि वो जहां से आइडिया चुराते थे वो ही उनके कॉम्पीटिशन में होंगे
  2. हमारे शाहरुख और सलमान की सिक्स पैक बढ़कर ट्वेल्व पैक हो जाएगी और वो पचपन साल में भी हीरो बने दिखेंगे (वहां तो ऐसा ही होता है)
  3. हमारे सेंसर बोर्ड की जरूरत ही खत्म हो जाएगी क्योंकि सेंसर बोर्ड भी आखिर कितनी कैंची चलाएगा
  4. हमारी अंग्रेजी सुधर जाएगी

सही जवाब देने वाले इनामी राशि के चैक के बारे में अगली पोस्ट के बाद ही पता चल पाएगा। मैं भी इस सवाल के जवाब देने की गुत्थी सुलझाने में जुटा हूं आपको जवाब सूझे या कोई और ऑप्शन सूझे जरूर बताएं।

2 comments:

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा said...

अभिषेक, आप तो व्यंग्य भी गजब का लिखते हैं

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा said...

अर, ये वर्ड वैरिफिकेशन हटाइए, कमेंट करने में प्राब्लम होती है